भारत में खजूर की खेती काफी लोकप्रिय हो चुकी है और इसके लिए लोगों का काफी रुझान बढ़ रहा है। खजूर की खेती भारत के कुछ राज्यों में विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात, केरल और तमिलनाडु में की जाती है। यह खेती किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का माध्यम बन चुकी है और आजकल इससे कई किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं।
खजूर की खेती के लिए भारत के कुछ राज्यों का मौसम और जलवायु इसके लिए बहुत उपयुक्त होता है। राजस्थान और गुजरात के तापमान और रेगिस्तानी जलवायु खजूर की खेती के लिए आदर्श होते हैं। केरल और तमिलनाडु के गर्म और नम जलवायु भी इसे अच्छे उत्पादन का माध्यम बनाते हैं। इन राज्यों में खजूर की खेती के लिए उचित मिट्टी, पानी और उपयुक्त जलवायु की उपलब्धता होना आवश्यक होता है।
इस खेती को करके किसानों का जीवन ही बदल गया
भारत में किसानों की खेती एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। हालांकि, आजकल कई किसान नई तकनीकों और फसलों के प्रयोग से अपनी खेती को नई दिशा दे रहे हैं। यह नई फसलें और तकनीकें किसानों को अधिक मुनाफा दिला रही हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार रही है। एक ऐसी फसल है खजूर, जिसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है। राजस्थान में खजूर की खेती करने वाले किसानों का जीवन ही बदल गया है। खजूर की खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई है। खजूर का पेड़ राजस्थान के मौसम और मिट्टी की विशेषताओं के अनुसार अच्छे से उगता है और यहां के किसान इसे बड़ी संख्या में उत्पादित करते हैं। इससे वह खजूर की खेती से अच्छा मुनाफा कमाते हैं.
खजूर की खेती से लाखों का मुनाफा
खजूर की खेती सामान्य तौर पर खाड़ी देशों में ज्यादा होती है। दुनिया में सबसे ज्यादा खजूर की खेती ईरान में की जाती है। इसके साथ ही, भारत में भी खजूर की खेती की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है। राजस्थान, गुजरात, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में खजूर की खेती काफी प्रचलित है।
एक एकड़ में 70 पौधे तक लगाए जा सकते हैं। खजूर का पेड़ 70 से 100 किलो तक खजूर देता है। इसका मतलब है कि साल भर में खजूर की खेती तकरीबन 5 हजार किलो तक खजूर पैदा करती है। खजूर की बाजार में काफी डिमांड होती है, जिससे किसान इस खेती से बड़ी आय कमा सकते हैं। एक पेड़ से 50 हजार की कमाई हो सकती है।
इस तरह करें खजूर की खेती
खजूर के पौधे को लगाने का सबसे सही समय जुलाई से सितंबर के बीच का होता है। यह पौधे किसी भी मिट्टी में लगाया जा सकते हैं। खजूर के दो पौधों के बीच की दूरी 8 मीटर से ज्यादा होनी चाहिए। इन पौधों को लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये उच्च गुणवत्ता वाली खजूर की नस्ल के हों।
खजूर के पौधे फल देने के लिए कम से कम 3 साल लगते हैं। इसलिए, इन्हें धैर्य और समय देना आवश्यक होता है। खजूर के पौधों को नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, लेकिन गर्मियों के मौसम में महीने में 15 से 20 दिनों में पानी देना चाहिए। सर्दियों के मौसम में, महीने में एक बार पानी देना पर्याप्त होगा।
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